The Ultimate Guide To shri shiv chalisa lyrics

शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है.

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिणी श्याम अधर ।

स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

अर्थ- हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति here से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.

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